योगी के नेतृत्व में यूपी में 8 एक्सप्रेसवे जबरदस्त कनेक्शन स्टार्ट

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने प्रदेश को 2047 तक विकसित बनने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत 8 नए एक्सप्रेसवे प्रस्तावित किये गए हैं — जिनसे न सिर्फ प्रदेश के लगभग 30 जिले आपस में जुड़ेंगे, बल्कि मध्य प्रदेश से भी लिंक बढ़ेगा।

प्रमुख प्रस्तावित एक्सप्रेसवे

  1. चित्रकूट–बांदा लिंक एक्सप्रेसवे — करीब 120 किमी लंबा, चित्रकूट को वाराणसी व बांदा से जोड़ेगा; 4-लेन ग्रीनफील्ड रोड; वर्ष 2026 तक लक्ष्य।
  2. जालौन-बुंदेलखंड लिंक एक्सप्रेसवे — 115 किमी, भविष्य में 6-लेन में अपग्रेड; 63 गांवों की जमीन अधिग्रहित होगी।
  3. विंध्य-पूर्वांचल-गंगा एक्सप्रेसवे — लगभग 320 किमी; प्रयागराज → मिर्जापुर → वाराणसी → चंदौली → सोनभद्र; बजट ~23 000 करोड़; 2028 तक लक्ष्य।
  4. विंध्य-पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे — 100 किमी, चंदौली से गाजीपुर; लागत ~7 000 करोड़।
  5. हरिद्वार-मेरठ लिंक एक्सप्रेसवे — गाजियाबाद-मेरठ तैयार, अब हरिद्वार से लिंक; पूर्वी यूपी को हरिद्वार से सीधा जोड़ेगा।
  6. आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे (गंगा लिंक) — 90 किमी, ~7 500 करोड़ खर्च; फर्रुखाबाद, मैनपुरी से होकर गंगा एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा।
  7. चित्रकूट-रीवा लिंक एक्सप्रेसवे — 70 किमी, चित्रकूट से मध्य प्रदेश के रीवा तक; 4-लेन ग्रीनफील्ड; वर्ष 2028 तक।
  8. जेवर लिंक एक्सप्रेसवे — यमुना एक्सप्रेसवे ग्रेटर नोएडा के जेवर एयरपोर्ट से कनेक्शन; गंगा एक्सप्रेसवे से लिंक।

क्यों है यह योजना अहम?

बेहतर सड़कीय कनेक्टिविटी से प्रदेश के दूर-दराज जिलों को फायदा मिलेगा। लॉजिस्टिक्स लागत घटेगी, निवेश आकर्षित होगा। उद्योग, व्यापार बढ़ेंगे और रोजगार के नए अवसर बनेंगे। प्रदेश की क्षेत्रीय असंतुलन को कम करने में मदद मिलेगी।

चुनौतियाँ और खतरे

भूमि अधिग्रहण में ग्रामीणों, किसानों की नाराज़गी बढ़ सकती है। बजट व समयसीमा का खतरा। निर्माण शुरू होने के बाद पर्यावरण, वन, विस्थापन जैसे मुद्दे गहराएंगे।

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